Apr 13, 2015

साला मैं तो साहब बन गया...



लोगों को चड्डियों से जल्दी मोबाइल फोन बदलते देख हमेशा हैरान होने वाला प्राणी आज दिल की
बात यहाँ कह जाए तो सुनने वालों को थोडा आश्चर्य तो होगा ही. हाँ चलिए, आज आपकी कटाक्ष भी सुन ही लेता हूँ. आपकी बातें सर आँखों पर. अब क्या बताये मोबाइल कभी हमारे कैमरे के शौक के आगे न आ सकी. फोटोग्राफी से रिश्ता अपना पुराना था तो कई बार हमने अपना डिजिटल कैमरा बदल लिया. मोबाइल हमारे लिए तो बस दस नंबर और कुछ एक आध और बटनों से बना एक काला यन्त्र भर ही रहा था आज तक. कई फ़ोन आए, कई गए हम स्मार्ट न बन सके. पर जब से ASUS ZenFone 2 आया हैं, मन थोडा मचल मचल जा रहा है. अब हम भी सोचते हैं स्मार्ट फ़ोन ले कर अब स्मार्ट बन ही जायें, फिर गाते फिरेंगे
                 “साला मैं तो साहब बन गया, 
                   ये मोबाइल मेरा देखो
                   ये Zenfone मेरा देखो...”
अब आप पूछेंगे कि क्या हुआ आशु बाबू , दिल कैसे पसीज गया अचानक? कहाँ गए आपके फलसफे? बड़े कहते थे कि फोन तो सिर्फ फोन करने के लिए होते हैं. अब देखिये कोई तर्क नहीं दे रहा आपको बस कुछ अपनी ही कमजोरियां बता रहा हूँ, गौर कीजियेगा:

Ultimate Balance Of Beauty And Strength :
फोटोग्राफी का शौक है, तो खूबसूरती से कहीं न कहीं नाता तो बनता ही है न. खूबसूरती की बातें हो तो स्लिम, छरहरी, सुनहली, लचकदार अपनी भी पसंद है. भई मैं फ़ोन की नहीं दीपिका पादुकोण की बातें कर रहा था. जब से youtube पर दीपिका न अपनी चोएस बताई है, हमारी चोएस तो दीपिका हमेशा के लिए बन गयी है.. (हार्दिक अभिनन्दन दीपिका को इस विडियो पर). ASUS Zenfone कहीं न कहीं खूबसूरती में दीपिका की याद दिलाती हैं. दीपिका की ही तरह तो हैं “The Ultimate Balance Of Beauty And Strength”  (Beauty and Strength: खुबसूरत, प्रभावी, गुणवत्ता भरी.


(The iconic ASUS concentric-circle design adorns both the fascia and rear key, a beautiful, tactile effect that's achieved through precision machining - producing a mere 0.13mm pitch that looks as premium as it feels)

दीपिका सी छरहरी Zenfone,  ASUS वाले कहते हैं:

ZenFone 2 has an incredibly-slim profile — it is just 3.9mm at the thinnest edge. This is more than an impressive engineering feat: the thin design is so comfortable to hold, and makes using ZenFone 2 easier. With less body between you and the display, ZenFone 2’s one-handed grasp puts everything within reach. Design और कितनी बातें करू, ZenFone 2 को DipikaFone कह दे तो सारा तर्क समां जाए, फिर आगे बढ़ा जाए.
वैसे, फोटोग्राफर थोड़े मन के संवेदनशील होते हैं तभी तो, मन पहले खुबसुरती पर चली आती है.

See What Others Can’t See :
अब बात फोटोग्राफी की हो तो फ़ोन में कैमरा समां जाए तो सोने पर सुहागा. किसी ने कहा था न की जहाँ न पहुचे रवि वहां पहुचे कवि. वाक्य कवि के लिए अर्थभरा था, हमारे लिए तो रवि का न पहुचना तो समुन्दर में कूद जाने सा हो जाता, रवि न हो तो फोन से तो फोटो खीच ही नहीं सकते. और हर पल कैमरा ले कर निकलना कहाँ संभव है. यदि पाकेट में कैमरा हो तो बस निकला और खीच लिए. और यदि कैमरा अच्छी हो तो कम रवि में भी मजा आ जाये. जब कैमरा मस्त हो तो मोबाइल मस्त होगा ही न भई.. सो दिल आ गया. ASUS वाले भी सही कहते हैं : “See What Others Can’t See http://www.asus.com/Phones/ZenFone_2_ZE551ML/pixelmaster/


Performance:
इंजीनियरिंग की है भई, कोई मजाक नहीं है. अब स्मार्ट बनने के लिए थोडा तकनिकी दिमाग भी लगाना पड़ेगा न. कोई बुरबक थोड़ी न है कि देखे फोंन और खरीद लिए.  अब देखिये न नज़र ही नहीं हट रही है ये पढ़ कर: 

 2.3GHz 64-bit Intel® Atom™ Z3580 processor
 4GB RAM
 DUAL CHANNEL PERFORMANCE
everyday performance that’s up to three times (3X) better
gaming experiences that are up to seven times (7X) faster
64 BIT SUPER QUAD CORE INTEL ATOM PROCESSOR
 DUAL CHANNEL PERFORMANCE
60 ms TOUCH RESPONSIVENESS

ZenUI Interface:
आज के ज़िन्दगी के भागम भाग में सब कुछ अस्त व्यस्त है. किस पॉकेट में कार की चाभी और किस पॉकेट में कंघी और किस पॉकेट में बटुआ, इतने का तो ध्यान रहता नहीं, भागते रहते हैं एक कोने से दुसरे कोने तक. अब आप ही बताये की इतने सारे नन्हे नन्हे apps कैसे संभालेंगे हम. ये तो अच्छा हुआ ASUS वालों का की तोहफे में हर फोन में एक सीधा साधा डिजाईन बना डाला. इतनी खूबसूरती से सभी नन्हे apps को सजा डाला...अब लाइफ झींगा लाला. खुद ही देख लो इस तोहफे को Zen User interface

Dual Sim, Dual Active:
बहुत तर्क संगत बात कर लिए आपसे. दो फोन लेकर घुमने वाले को गर एक ही बोझ उठना पड़े तो हो गयी न सब बातों का उपसंहार. अब ये बात तो हमारे दिल और दिमाग में बैठ गयी और कुछ नहीं चाहिए....

चलो बहुत बातें कर ली, अब निकल पडू एक ASUS Zenfone २ खरीदने ....
            साला, मैं तो साहब बन गया,
            ये मोबाइल मेरा देखो
            ये Zenfone मेरा देखो...
           जैसे स्मार्टी कोई लंडन का....हाहा ”




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लिखना कभी मेरी चाहत न थी..कोशिश की कभी जुर्रत न थी
शब्दों के कुछ फेर की कोशिश ---यूं कोई सराह गया कि
लिखना अब हमारी लत बन गयी...
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